गजल- तेरी मेरी जो ये कहानी है
तेरी मेरी जो ये~कहानी है
चाँद तारों से भी ~ पुरानी है
हमने मांगा तुझे दुवाऒं में
दो जहां भर की गर्द छानी है
हाल नाजुक हुआ बहुत दिल का
रोग शायद हुआ रुहानी है
बेद हैरान देख कर जिंदा
नब्ज गुम है न ही निशानी है
चाँद तारे तुझी से रोशन है
तुझसे ही मोजों पे रवानी है
भूल जाऊं तुझे भला कैसे
बिन तेरे खाक जिंदगानी है
तू कभी सुन सदाए ए दिल की
धड़कने किस कदर दिवानी है
सावन चौहान कारोली - गजल कार
तेरी मेरी जो ये~कहानी है
चाँद तारों से भी ~ पुरानी है
हमने मांगा तुझे दुवाऒं में
दो जहां भर की गर्द छानी है
हाल नाजुक हुआ बहुत दिल का
रोग शायद हुआ रुहानी है
बेद हैरान देख कर जिंदा
नब्ज गुम है न ही निशानी है
चाँद तारे तुझी से रोशन है
तुझसे ही मोजों पे रवानी है
भूल जाऊं तुझे भला कैसे
बिन तेरे खाक जिंदगानी है
तू कभी सुन सदाए ए दिल की
धड़कने किस कदर दिवानी है
सावन चौहान कारोली - गजल कार
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