212 212 212 212
मतला
चाँदनी मुस्कुराती रही रात भर
वो मुझे याद आती रही रात भर - मतला शेर
कर गई झील सी आँख ऐसा असर
धड़कने गीत गाती रही रात भर -1
आँख उसने मिलाके, जिया छू लिया
करवटें ही जगाती रही रात भर -2
उसने पलकें झुका के गज़ब कर दिया
हसरतें झट-पटाती रही रात भार-3
छप गई उसकी सूरत मेरी आंख में
ये पलक झिलमिलाती रही रात भर - 4
कुछ भी बोला नहीं फिर भी सब कह दिया
बिजलियां कड़कड़ाती रही रात भर -5
लब खुले तो शहद सा घुला कानों में
तितलियां फड़फड़ाती रही रात भर - 6
बिन पिए ही नशा सा हमें हो गया
नींद भी आती जाती रही रात भर - 7
अजनबी सा लगा ही नहीं वो मुझे
याद जिसकी सताती रही रात भर -8
आज तक ऐसे कोई न सावन जमा
रूह तक गुनगुनाती रही रात भर -9
गज़लकार - सावन चौहान कारोली
31-10-2021
गज़लकार - सावन चौहान कारोली
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