मंगलवार, 30 जुलाई 2019

Shyam sunder



Shyam Sunder

श्याम वर्ण छबि है अति पावन ।
मोहन अति मोहक मन भावन ।।

नटखट नन्द बाबा को लाला ।
लट घुंगराले नयन विशाला ।।

मोर  मुकुट माथे पे राजे ।
प्यारी मुरलिया संग में साजे ।।

ग्वाल बाल संग माखन चोरे ।
गोपिन की मटकिन कु फोड़े ।।

श्याम सुंदर चित चोर निरालों ।
गोकुल की गायन को ग्वालो ।।

जब मुरली की तान लगावे ।
जीव जन्तु सब धोरै आवे ।।

जान बुझ सब गोपिन छेड़े ।
बांके बिहारी भी है टेढ़े ।।

मिठो बोलै बड़ो सुहानो  
जाको 'सावन' हुयो दीवानो ।।

नटवर नागर है रंग रसिया ।
राधा के मन को मन बसिया ।।
सावन चौहान कारौली

https://www.writersindia.in/2019/07/Mathura-vrindawan.html?m=1