पावन पटल को सादर नमन
आज लेखनी दोहा सृजन में समर्पित आज का सृजन आप आद. को समर्पित करता हूँ ।
1.पुहुप ते आस सुगन्ध की,
पंक ते आवत बास ।
सब देते संसार को,
जैसा जिसके पास ।।
2.माया तेरे जाल में,
भटके लोग सुजान ।
पैसे को ही पूजते,
पैसा ही भगवान ।।
3.प्रेम बाँटना सीख ले ,
मिट जाये हर रोग ।
पर पीड़ा समझे नहीं,
फिर काहे का जोग ।।
4.घाव भरे ना बोल के,
सोच समझ कर बोल ।
संगत सी रंगत चढ़े,
असर करे माहोल ।।
5 .पछताता है वो मनुज,
जो न सुधारे भूल ।
दोष धरे भगवान को,
काम करे प्रतिकूल ।।
सावन चौहान कारौली- एक नादान कलमकार