बुधवार, 3 फ़रवरी 2021

Dohawli-pushp guchchh दोहे

 पावन पटल को सादर नमन 

आज लेखनी दोहा सृजन में समर्पित आज का सृजन आप आद. को समर्पित करता हूँ ।


1.पुहुप ते आस सुगन्ध की, 

       पंक ते आवत बास ।

सब देते संसार को,

     जैसा जिसके पास ।।


2.माया तेरे जाल में,

          भटके लोग सुजान ।

पैसे को ही पूजते,

              पैसा ही भगवान ।।


3.प्रेम बाँटना सीख ले , 

           मिट जाये हर रोग ।

पर पीड़ा समझे नहीं,

           फिर काहे का जोग ।।


4.घाव भरे ना बोल के,

              सोच समझ कर बोल ।

संगत सी रंगत चढ़े,

               असर करे माहोल ।।


5 .पछताता है वो मनुज,

           जो न सुधारे भूल ।

दोष धरे भगवान को,

            काम करे प्रतिकूल ।।


सावन चौहान कारौली- एक नादान कलमकार