मेहर तू करदे मेहरा वाली
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मेहर तू करदे मेहरावाली-2, भरदे मेरी झोली खाली,
दिल से है तुम्हे पुकारा जगत जननी मैया, दे मुझको भी सहारा
तु है दुर्गा तु है काली; दुखियों के दुःख हरने वाली
तुम बिन कौन हमारा जगत जननी...
सुना है अपने भगतो सेsss ; करती है तु प्यार-2
जाने कैसे कैसों कोsss ; किया है भव से पार-2
मेरी नाव भी ,भँवर में अटकी कैसे मिले किनारा
जगत जननी मैया...
हम बालक नादान हैsss ; तु है बड़ी महान-2
तेरी सब सन्तान हैsss ; निर्धन और धनवान-2
निर्बल को तु ; बल देती है ,जीत उसे जो हारा
जगत जननी...
जो करता तेरी पूजाsss ; तू रखती उसका ख्याल-2
अपने सेवक को मैयाsss ; कर देती मालामाल-2
रोग दोष ना ; उसे सताए , तु अमृत की धारा
जगत जननी मैया...
सावन मां फेरे तेरी, माला सुबहा श्याम-2
हनुमान निज दास तेरा जिसका है बुरेहड़ा गाम-2
दया की करदे , वर्षा मैया ; जगराता है तुम्हारा
जगत जननी…
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गीतकार-सावन चौहान कारोली
https://sawankigazal.blogspot.com/2019/06/blog-post_28.html?m=1