गुरुवार, 7 अक्टूबर 2021

हो के सवार मैया शेर पे चली

बहर - बाली उमर ने मेरा 


 हो के सवार मैया शेर पे चली


हो के सवार मैया शेर पे चली-2

मैया जी के जयकारों से गूंजी हर गली ।।

हो के सवार..


लाल चुनरिया ओढ़ी किया श्रृंगार है

हाथ त्रिशूल शंक तीर तलवार है ।।-2

चक्र सुदर्शन संग कँवल की कली

मैया जी जयकारो...


दुष्टो को मारे मैया पापियों का नाश करे

नोरातों में भगतों की पूरी अरदास करे ।।-2

हलुवे चने से खुश है ; ना मांगे बली

मैया जी के जयकारो...


सुर नर मुनि ध्याते  ; करे माँ की सेवा 

शिव विष्णु ब्रह्मा संग ध्यावे सभी देवा ।।-2 

मुसीबत के मारों की ; मुसीबत टली

मैया जी के जयकारों...


सावन कारोली वाला दास है तेरा

राधे श्याम सेवक ख़ास है तेरा ।।-2

हमारे भी दिल में तेरी ज्योत जली 

मैया जी के जयकारो...

होके सवार मै्या...


कवि - सावन चौहान कारोली