शहादत
चींख रही है आज "शहादत"
सीमा के रखवालों की ।
आज आत्मा "मौन" हुई क्यों
"पदक" लौटने वालों की ।।
माँत पिता और बीवी बच्चे
मार "दहाडें" रोते है ।
"सैनिक शव" शोलों में झुलसे
टोपी वाले सोते है ।।
टपक रहा है आज "लहू" फिर
प्यारे ध्वज "तिरंगे" से ।
कब तक बातें करते रहेंगे
"इस" जाहिल भिखमंगे से ।
जिस पर "तांडव" किया उडी में
भारत माँ की छाती है ।
कुत्ता "पागल" हो जाए तो
गोली मारी जाती है ।
"सत्रह" के सत्रह सौ मारो
फौज को अब आदेश करो ।
बहुत बह चुका नीर नयन से
अब अश्रू नहीं "आवेश" भरों ।
बाज़ नहीं आएगा "कायर"
छुप कर जख्म लगाने से ।
घर में घुसकर मारो इसको
ना माने समझाने से ।
सावन चौहान कारौली
19/09/2016
सीमा के रखवालों की ।
आज आत्मा "मौन" हुई क्यों
"पदक" लौटने वालों की ।।
माँत पिता और बीवी बच्चे
मार "दहाडें" रोते है ।
"सैनिक शव" शोलों में झुलसे
टोपी वाले सोते है ।।
टपक रहा है आज "लहू" फिर
प्यारे ध्वज "तिरंगे" से ।
कब तक बातें करते रहेंगे
"इस" जाहिल भिखमंगे से ।
जिस पर "तांडव" किया उडी में
भारत माँ की छाती है ।
कुत्ता "पागल" हो जाए तो
गोली मारी जाती है ।
"सत्रह" के सत्रह सौ मारो
फौज को अब आदेश करो ।
बहुत बह चुका नीर नयन से
अब अश्रू नहीं "आवेश" भरों ।
बाज़ नहीं आएगा "कायर"
छुप कर जख्म लगाने से ।
घर में घुसकर मारो इसको
ना माने समझाने से ।
सावन चौहान कारौली
19/09/2016
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