खेल निराला प्रीत का, हार में होती जीत
बिना चोट उपजे नही, मन वीणा से गीत
बिना चोट उपजे नही, मन वीणा से गीत
आप सभी साहित्य प्रेमी बंधुओं का मेरे ब्लॉग Hindi Kavita blog with sawan (sawankigazal.blogspot.com) पर हृदय तल से स्वागत अभिनंदन है जैसा कि मेरा मानना है लेखन एक गहन साधना है आओ आप सभी को मेरी रचनाओं से रूबरू कराता हूँ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Sawan ki Hindi kavita