बुधवार, 25 अगस्त 2021

ओ भाभी फागुन प्यारो आयो री “होली"


भाभी फागुन प्यारो आयो री “होली"



देवर-   ओ भाभी फागुन प्यारो आयो री, तोहे लाल  रंगू या कारी
  होsss लाल रंगू या कारी, ओ भाभी लायो भर पिचकारी

भाभी-   ओ देवर कैरो होकै अईयो रे, कहीं फागुन पड़ जाए भारी
           होsss फागुन पड़ जाए भारी 
ओ देवर करके अइयो तैयारी
देवर-    ओ भाभी फागुन प्यारो आयो री, तोहे लाल रंगू या कारी

देवर-      रंग लगाऊँ जो तोहे भावे-2 
बिलकुल मत भाभी  घबरावै-2
            ओ जयपुर ते रंग मंगायो री, तोहे लाल रंगू या कारी-2
भाभी-    देवर कैरो होके आयो… कहीं फागुन...
देवर-     ओ भाभी फागुन…

देवर-         अब के ऐसी खेलूँ होली,भीगे साडी घगरी चोली-2
               ऐसो फाग नशीलो आयो री, तोहे लाल रंगू या कारी-2
भाभी-         ओ देवर कैरो होके…         कहीं फागुन...
                  ओ भाभी…

देवर-         गोरे गोरे गाल रंगूँगो  
                नीली पीली लाल रंगूँगो-2
                ओ भाभी रंग गुलाबी लायो री,तोहे लाल रंगू या कारी -2
भाभी-       ओ देवर कैरो होके… कहीं फागुन...
देवर-        ओ भाभी…

 भाभी-      ऐसो देवर रंग दूँ तोहे, छूटें ना रंग कितनो भी धोवे-2
               ओ सावन ऐसो रंग है लायो रे,कहीं फागुन पड़ जाए भारी
देवर-        ओ भाभी फागुन प्यारो आयो रे
               तोहे लाल रंगु या कारी 
भाभी -     ओ देवर कैरो ….   

सावन चौहान कारौली -एक कलमकार 

भिवाड़ी अलवर राजस्थान