गीत,तराने,~~~~~~~ऐसे हो ।
परहित जीवन~~~~ भेंट चढ़ादे,
भगवे बाने,~~~~~~~~ऐसे हों ।
लिखने को तो ~~बहुत लिखा है,
दिल से लिखने ~~~~वालों नें ।
सुसुप्त व्यवस्था को जो जगा दे,
काव्य निशाने,~~~~~ ऐसे हों ।
लिखने के ही~~ ~संग संग बंधू,
बोली में भी ~~~~~~रस टपके ।
मन सागर में कँवल ***खिला दे,
शब्द सुहाने ~~~~*~~ऐसे हों ।
दो इंसानों में ~~~~~अंतर का,
मुझको गलत~~~#दस्तूर लगा ।
सबको देखे """""""एक नजर से,
हों पैमाने, ?????????ऐसे हों ।
सावन चौहान कारौली
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