शुक्रवार, 2 अगस्त 2019

pardesh jo sawan gaye


Dil ki baton me

दिल कि बातों मे कभी ना आएंगे
अब किसी पे ना यकीं कर पाएंगे

तोड़ देगा जब कोई दिल आपका
याद फिर वो दिन पुराने आएँगे

हम जो' रोये इश्क मे अजि आपके
अश्क मेरे जलजला ले आएँगे

हर तरफ छाई है' कैसी तीरगी
एक पल ना बिन तेरे जी पाएँगे

तू रहे खुशहाल है दिल से दुआ
बद्दुआ भी तुझको ना दे पाएँगे

हो सके तो तुम भुला देना हमे
ख़ाब मे भी अब कभी ना आएंगे

जानता था जान लेलेगी ये' लत
दोष सारे उनके' सर ना ढाएँगे

छोड़ कर परदेश जो "सावन" गए
चैन से वो भी नही रह पाएँगे

सावन चौहान कारोली

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