सोमवार, 22 जुलाई 2019

हम जरा से ही दिवाने क्या


काफ़िया- आने (स्वर्)
रदीफ़- क्या हुए
२१२२ २१२२ २१२
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जीने मरने के फसाने क्या हुए
वो कसम वादे पुराने क्या हुए

हर किसी के हाथ मे पत्थर दिखा
हम जरा से ही दिवाने क्या

इश्क में शम्माँ के परवाना जला
दर्दे उल्फत के मआने क्या हुए

फूल खुशबू तितलियाँ रोनक गई
बाग के मौसम सुहाने क्या हुए

अजनबी बन सामने निकला मेरे
सात जन्मों के निभाने क्या हुए

हाले दिल किसको सुनाऊ मैं यहाँ
कौन समझेगा फसाने क्या हुए

आज तक है सुर्ख सावन चश्म ए तर
छोड़ वो मुझको बेगाने क्या हुए

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सवान चौहान कारोली
भिवाड़ी अलवर राजस्थान

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Sawan ki Hindi kavita