वो समझ न सका मैं जता न सका
वो समझ ना सका मैं बता ना सका ।
दर्द ए दिल ये उसे मैं दिखा ना सका ।।
दूर उसको गए एक ज़माना हुआ ।
आज तक भी उसे मैं भुला ना सका ।।
मेरी आँखों में अश्कों के बादल भी थे ।
वो भी रो दे ना आशुं बहा ना सका ।।
मानता हूँ मैं नादान था इश्क में ।
उसको दिल की हकीकत सुना ना सका ।।
जिंदगी है अधूरी ये उसके बिना ।
है कसक उसको अपना बना ना सका ।।
दूर जाते ही टूटे बाँध सब्र के ।
फिर चाह के भी सावन वो आना सका ।।
"सावन चौहान कारौली"
भिवाड़ी अलवर राजस्थान
9636931534