सोमवार, 7 दिसंबर 2020

Neele ghode pe sawaar

 


Leke pahla pahla pyaar

सुन के भक्तों की पुकार नीले घोड़े पे सवार

 गोकल नगरी से आया   मुरलीया वाला रे 

लेके कलयुग में अवतार भक्तों पे लुटाने प्यार 

 काली खोली पे आया गउओं का ग्वाला रे 

सुनके भक्तों…


अपने दीवानो पे मेहर है करता

ये ही तो है नरसी के भात का भारता-2 

 ये है खोली का सरदार इसकी लीला अपरमपार

संकट हरने को आया मुरलीया वाला रे


कोई करे सत्संग कोई भंडारे

दर्शन को लगती है लम्बी कतारें-2

जो भी आये इसके द्वार

उसके भर जायें भण्डार 

नन्दू ने भी तो पाया मुरलीया वाला रे 

सुनके भक्तों की …0P0प


मोहन राम मिलकपुर वाला

सारे जगत से ये बाबाजी निराला-2

पुरी कर्ता है मुराद सुनता दुखियों की फरियाद

जिसने दिल से है ध्याया मुरलीया वाला रे

सुनके भक्तों...


सोये भाग जगा देता है

बिछडे  हुओ को मिला देता है-2

देता निर्धन को धन धान

बे औलादो को संतान

सावन जिसने मनाया मुरलीया वाला रे 

सुनके भक्तों की...


“सावन चौहान कारौली”-एक नादान कलमकार 

भिवाड़ी अलवर राजस्थान 

मो.9636931534 

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Sawan ki Hindi kavita